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WRITE &SPEAK-3

ग़ज़ल में प्रयुक्त होने वाले उर्दू शब्दों का विस्तृत व्याख्या सहित अर्थ निम्नलिखित है: 1. अदा (अداؔ) – शैली, ढंग, सुंदरता या लुभाने का तरीका उदाहरण : तेरी अदा पे मरते हैं लोग, क्या बात है! 2. आशिक़ (عاشق) – प्रेमी, प्रेम करने वाला उदाहरण : आशिक़ हूँ तेरा, तेरा ही रहूँगा! 3. बेख़ुदी (بیخودی) – आत्म-विस्मृति, मदहोशी, दीवानगी उदाहरण : बेख़ुदी में भी तेरा ख़्याल आता है! 4. ग़म (غم) – दुःख, पीड़ा उदाहरण : ग़म ही सही, मगर तेरा साथ तो है! 5. इश्क़ (عشق) – गहरा प्रेम, विशेष रूप से रूमानी प्रेम उदाहरण : इश्क़ किया है, कोई मज़ाक़ नहीं! 6. जफ़ा (جفا) – बेवफ़ाई, अत्याचार उदाहरण : तेरी जफ़ा भी मंज़ूर है! 7. क़सम (قسم) – शपथ, वचन उदाहरण : तेरी क़सम, तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा! 8. नज़र (نظر) – दृष्टि, नज़र, कृपा उदाहरण : उसकी नज़र पड़ते ही दुनिया बदल गई! 9. राहत (راحت) – सुकून, चैन उदाहरण : तेरी बाहों में राहत मिलती है! 10. सफ़र (سفر) – यात्रा, सफ़र उदाहरण : ये इश्क़ का सफ़र आसान नहीं! 11. वफ़ा (وفا) – निष्ठा, वफ़ादारी उदाहरण : वफ़ा निभाने का हुनर आता...

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साहित्यामीडिया: एक नई दिशा की ओर

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साहित्यामीडिया.com, एक ऐसी डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो साहित्यिक दुनिया से जुड़ी हर जानकारी, लेख, और विचारों का संगम प्रस्तुत करता है। यह वेबसाइट न केवल हिंदी साहित्य के प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि उन लेखकों और कवियों के लिए भी एक मंच प्रदान करती है, जो अपनी रचनाओं को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। 


इस वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य हिंदी साहित्य के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करना है। चाहे वह कविता हो, कहानी, निबंध, आलोचना या फिर साहित्यिक विमर्श, साहित्यामीडिया पर आपको हर प्रकार की सामग्री मिल जाएगी। इस प्लेटफॉर्म पर युवा लेखक और पुराने साहित्यकार अपनी रचनाओं को साझा करते हैं, जिससे पाठकों को विविध दृष्टिकोणों और लेखन शैलियों से परिचित होने का अवसर मिलता है। 


साहित्यामीडिया का एक और प्रमुख उद्देश्य भारतीय समाज की सच्चाईयों और विचारों को साहित्य के माध्यम से उजागर करना है। यह वेबसाइट समाजिक मुद्दों, राजनीतिक दृष्टिकोण, और सांस्कृतिक पहलुओं को साहित्यिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जिससे पाठक न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि सोचने और समझने का एक नया दृष्टिकोण भी प्राप्त करते हैं। 


**वेबसाइट की विशेषताएँ:**


1. **विविध रचनाएँ:** यहाँ पर पाठकों को कविताएँ, कहानियाँ, निबंध, और अन्य साहित्यिक रचनाएँ पढ़ने को मिलती हैं। हर रचना अपने आप में विशेष होती है, और पाठक को एक नया अनुभव प्रदान करती है।

   

2. **लेखक मंच:** साहित्यामीडिया.com पर लेखकों के लिए एक मंच है, जहाँ वे अपनी रचनाओं को साझा कर सकते हैं और समाज में अपनी आवाज़ उठा सकते हैं।


3. **साहित्यिक विमर्श:** यहाँ पर साहित्यिक आलोचनाएँ, विचार-विमर्श और साहित्यिक चर्चाएँ भी होती हैं, जो पाठकों को साहित्य की गहरी समझ प्रदान करती हैं।


4. **समाज और संस्कृति पर ध्यान:** साहित्यामीडिया पर लेखों और रचनाओं के माध्यम से समाज की सच्चाइयाँ और हमारी सांस्कृतिक धरोहर की चर्चा होती है। यह हमें अपने समाज और संस्कृति के प्रति जागरूक करता है।


अंततः, साहित्यामीडिया.com केवल एक वेबसाइट नहीं है, बल्कि यह एक विचारधारा है जो साहित्य, समाज, और संस्कृति के मध्य एक पुल का काम करती है। यह उन सभी लोगों के लिए आदर्श स्थल है जो साहित्य के प्रेमी हैं और जो अपने विचारों को साझा करने के लिए एक मंच की तलाश में हैं। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से साहित्य की दुनिया को एक नई दिशा मिल रही है, जो आने वाले समय में और भी समृद्ध होगी। 


**साहित्यामीडिया: जहाँ शब्दों का जादू होता है।**

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  गीता राठौर "गीत"(गीतकार) छंद मनहरण घनाक्षरी:- वृंद भंवरों के बृंद तितलियों के गाने लगे  आ गया वसंत फिर छाई खुशहाली है  सुमन सुगंधित बयार मन भावनी है पीली सरसों पे हरी हरी हरियाली है  उर में उमंग रंग प्रीत का चढ़ाने वाली कोयल की मीठी तान शान मतवाली है  देता प्रेम का संदेश आ गया है ऋतुराज  यही तो संदेश देश का प्रभावशाली है           गीता राठौर "गीत"         गीतकार   शहर -पीलीभीत ,पूरनपुर ,उत्तर प्रदेश अभिषेक मिश्रा सचिन  मेरी फ़ितरत में सनम बेवफ़ाई नहीं !  तेरी तस्वीर अब तक फोन हटाई नहीं !!  बस इसी बात से ये दिल मेरा परेशान है!  तेरे बाद किसी और से नजरें मिलाई नहीं !!  तू करे याद मुझको या ना करे सनम !!  मगर मैंने कभी भी तेरी बातें भूलाई नहीं!! मेरी किस्मत में शायद तेरी जुदाई सही!  मैं अगर गलत हूं तो गलत ही सही!  क्या यार तुझ में कोई बुराई नहीं!!  मेरी फितरत में सनम बेवफाई नहीं !!  तेरी तस्वीर अब तक फोन से हटाई नहीं!! ... ___________________________....

गुनाहों के देवता

"गुनाहों के देवता" हिंदी के प्रसिद्ध लेखक धर्मवीर भारती द्वारा लिखित एक लोकप्रिय उपन्यास है, जो 1959 में प्रकाशित हुआ था। यह उपन्यास प्रेम, नैतिकता, और समाज की बंदिशों के बारे में गहरी सोच उत्पन्न करता है।  उपन्यास की मुख्य कथा दो पात्रों, चंदर और सुधा, के इर्द-गिर्द घूमती है। चंदर एक युवा छात्र है, जो नैतिकता और समाजिक ढांचे से बाहर अपने प्रेम के संबंध में उलझा हुआ है। सुधा, एक आदर्शवादी और सौम्य लड़की है, जो चंदर से गहरे प्रेम में है, लेकिन उनका यह प्रेम समाज की नजर में एक गुनाह बन जाता है।  इस उपन्यास में समाज के रीति-रिवाजों, रिश्तों की जटिलताओं, और मनुष्य के आंतरिक द्वंद्व को दर्शाया गया है। चंदर और सुधा का प्रेम पूर्णतः निष्कलंक और शुद्ध होता है, लेकिन समाज की नज़र में यह प्रेम एक गुनाह के समान होता है, जिसे वे दोनों बर्दाश्त करते हैं। इस प्रकार, उपन्यास के शीर्षक "गुनाहों के देवता" का तात्पर्य उस स्थिति से है, जिसमें प्रेम, जो समाज के लिए गुनाह हो सकता है, खुद को एक देवता के रूप में महसूस करता है। यह उपन्यास मानवीय भावनाओं और रिश्तों के गहरे पहलुओं को उजागर ...

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