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WRITE &SPEAK-3

ग़ज़ल में प्रयुक्त होने वाले उर्दू शब्दों का विस्तृत व्याख्या सहित अर्थ निम्नलिखित है: 1. अदा (अداؔ) – शैली, ढंग, सुंदरता या लुभाने का तरीका उदाहरण : तेरी अदा पे मरते हैं लोग, क्या बात है! 2. आशिक़ (عاشق) – प्रेमी, प्रेम करने वाला उदाहरण : आशिक़ हूँ तेरा, तेरा ही रहूँगा! 3. बेख़ुदी (بیخودی) – आत्म-विस्मृति, मदहोशी, दीवानगी उदाहरण : बेख़ुदी में भी तेरा ख़्याल आता है! 4. ग़म (غم) – दुःख, पीड़ा उदाहरण : ग़म ही सही, मगर तेरा साथ तो है! 5. इश्क़ (عشق) – गहरा प्रेम, विशेष रूप से रूमानी प्रेम उदाहरण : इश्क़ किया है, कोई मज़ाक़ नहीं! 6. जफ़ा (جفا) – बेवफ़ाई, अत्याचार उदाहरण : तेरी जफ़ा भी मंज़ूर है! 7. क़सम (قسم) – शपथ, वचन उदाहरण : तेरी क़सम, तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा! 8. नज़र (نظر) – दृष्टि, नज़र, कृपा उदाहरण : उसकी नज़र पड़ते ही दुनिया बदल गई! 9. राहत (راحت) – सुकून, चैन उदाहरण : तेरी बाहों में राहत मिलती है! 10. सफ़र (سفر) – यात्रा, सफ़र उदाहरण : ये इश्क़ का सफ़र आसान नहीं! 11. वफ़ा (وفا) – निष्ठा, वफ़ादारी उदाहरण : वफ़ा निभाने का हुनर आता...
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WRITE & SPEAK -2

  बोलने और लिखने की कला मनुष्य को अन्य जीवों से अलग करने वाली सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उसकी भाषा और अभिव्यक्ति की शक्ति है। भाषा के माध्यम से हम अपने विचारों को न केवल साझा करते हैं, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी बनाते हैं। लिखना और बोलना, दोनों ही एक प्रभावी संवाद का हिस्सा हैं। सही शब्दों का चयन, उनकी अभिव्यक्ति, और प्रस्तुति की शैली किसी भी व्यक्ति को प्रभावशाली बना सकती है। बोलने की कला- बोलना केवल शब्दों का मेल नहीं है, बल्कि यह एक प्रभावी संचार का साधन है। एक अच्छा वक्ता अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखने में सक्षम होता है। इसे विकसित करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है: 1. आत्मविश्वास और धैर्य बोलते समय आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आत्मविश्वासी व्यक्ति की बातें अधिक प्रभावशाली लगती हैं। यह आत्मविश्वास अभ्यास और अनुभव से आता है। साथ ही, धैर्य बनाए रखना भी जरूरी है ताकि श्रोता को आपकी बात समझने का पूरा अवसर मिले। 2. स्पष्टता और उच्चारण जब हम बोलते हैं, तो शब्दों की स्पष्टता और उनका सही उच्चारण बहुत मायने रखता है। अस्पष्ट या जल्दी-जल्दी बोले गए शब्द श...

The creative novels PART - 3

  सिंहासन की छाया अध्याय 1: संघर्ष का आरंभ अरविंद कुमार ने आँखें बंद कीं और धीरे से गहरी सांस ली। उस गाँव की यादें आज भी उसके दिल में ताजा थीं, जहाँ से उसकी यात्रा शुरू हुई थी। सच्चाई के साथ राजनीति में कदम रखने का सपना, वह गाँव की गलियों और खेतों में चलते हुए देखा करता था। गाँव के छोटे से घर में पला-बढ़ा अरविंद, किसी समय संघर्षों से जूझता हुआ, अब राज्य की राजनीति के सबसे बड़े मंच पर खड़ा था। उसकी आँखों में एक ठानी हुई भावना थी, एक उम्मीद, जो उसे भ्रष्टाचार और तानाशाही से लड़ने के लिए प्रेरित करती थी। "क्या तुम तैयार हो?" उसके साथी और विश्वासपात्र, रघु ने पूछा, जो उसके साथ था। अरविंद ने सिर झुकाया, और फिर चुपचाप बाहर का दृश्य देखने लगा। राजधानी के छावनी क्षेत्र में उसकी कार पहुंची, जहाँ उसका पहला महत्वपूर्ण संबोधन था। मंच पर खड़ा अरविंद, एक सच्चे नेता के रूप में उभरने की उम्मीदों के साथ, विशाल सिंह जैसे दिग्गजों से मुकाबला करने के लिए तैयार था। "आज से कुछ वर्षों पहले, हम में से अधिकांश का मानना था कि राजनीति सिर्फ एक खेल है, जहाँ ताकत और पैसा ही महत्वपूर्ण हैं।...

The creative novels PART - 2

  "तुमसे मिलकर..." भाग 1 : पहली मुलाकात  निशा अपनी ज़िंदगी में सुकून की तलाश में थी। एक छोटी सी नौकरी, एक छोटे से शहर में, जहाँ सब कुछ इतना सामान्य था कि कभी कभी वह सोचती थी कि क्या यही उसका भविष्य था? हर दिन वही दिनचर्या, वही रास्ते, वही लोग। लेकिन उस एक दिन सब कुछ बदल गया, जब वह उस कैफे में गई थी। यह कैफे शहर के मुख्य रास्ते पर था, जहां लोग अपने दिन की शुरुआत करते थे। निशा ने हमेशा सोचा था कि इस कैफे का माहौल बहुत शांत और आरामदायक है। उस दिन भी वह अपनी कॉफी के साथ किताब पढ़ने आई थी, जैसे कि वह हमेशा करती थी। किताब को खोलते हुए उसकी आँखों ने एक नए चेहरे को देखा, जो पहले कभी वहाँ नहीं दिखा था। वह लड़का, जिसे निशा ने देखा, थोड़ा सा अजनबी सा था, लेकिन उसकी आँखों में कुछ ऐसा था, जो उसे खींचता था। उसकी आँखों में एक गहरी उदासी थी, जैसे वह किसी तकलीफ से गुजर रहा हो। निशा का दिल कुछ अजीब सा महसूस हुआ, जैसे वह उसे जानती हो। काफ़ी देर तक वह लड़का अकेला बैठा रहा, कभी अपनी कॉफी में खोया हुआ, कभी खिड़की से बाहर देखता हुआ। निशा ने सोचा था कि वह केवल कुछ पल के लिए ही कैफे में आएगा, ले...

The creative novels PART -1

  The creative novels PART- 1 (सपनों का सागर) "सपनों का सागर" आजकल के ज़माने में किसी के पास समय नहीं होता। समय के साथ हम भी अपनी जड़ों से दूर होते जा रहे हैं। लेकिन जब कभी भी हम अपनी पुरानी यादों में खो जाते हैं, तो हमें लगता है कि हम कहीं खो गए हैं, लेकिन सच तो यह है कि हम वही हैं, जो कभी थे। यही कहानी है एक ऐसे लड़के की, जिसका नाम अजय था। अजय एक छोटे से गाँव में रहता था। गाँव की हवाओं में एक अजीब सा खुमार था, जो हर किसी को अपने में समाहित कर लेता। यह गाँव न तो बहुत समृद्ध था, और न ही बहुत पिछड़ा, लेकिन यहाँ के लोग एक-दूसरे से सच्चे और सीधे दिल से जुड़े थे। अजय का दिल भी वैसा ही था – सच्चा और बिना किसी छल-कपट के। अजय की सबसे बड़ी कमजोरी थी उसका सपनों में खो जाना। वह दिन-रात अपनी कल्पनाओं में खोया रहता था। उसे लगता था कि इस छोटे से गाँव के बाहर एक विशाल दुनिया है, जहाँ न कोई डर है और न कोई चिंता। वह बार-बार सोचता, "क्या होगा अगर मैं अपनी कल्पनाओं को हकीकत बना सकूं?" गाँव में एक पुराना तालाब था। अजय अक्सर वहीं बैठा करता था और घंटों तक उस पानी की लहरों को देखता रहत...